चंदा तू जल्दी आना
प्रतियोगिता हेतु रचना
चंदा तू जल्दी आना
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चन्दा तू जल्दी आना
मेघों में ना छुप जाना
श्रंगार किए मैं बैठी
दर्शन देने आ जाना
चन्दा तू जल्दी आना
जब भी तू दर्शन देगा
तब मेरा व्रत टूटेगा
मैं करूंगी तेरी पूजा
तुमसा ना कोई दूजा
चन्दा तू जल्दी आना
मस्तक सिन्दूर की बिन्दिया
पैरों में है चांदी की बिछिया
हाथों में रची है मेंहदी
महावर पैरों का नहीं सुखाना
चन्दा तू जल्दी आना
मेरा सुहाग अमर हो
ऐसा वरदान है देना
पति पत्नी प्रेम अटल हो
पति को दीर्घायु बनाना
चन्दा तू जल्दी आना
अर्चन मैं तुझसे करती
वन्दन भी तेरा करती
पति देव को संग में लाना
ज्यादा ना देर लगाना
चन्दा तू जल्दी आना
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
Mohammed urooj khan
06-Nov-2023 12:08 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
02-Nov-2023 08:27 AM
बेहतरीन
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Abhinav ji
02-Nov-2023 07:49 AM
Very nice 👍
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